लखीमपुर खीरी के कबीरधाम सत्संग में बोले मोहन भागवत - 'महापुरुषों ने की भारतीय संस्कृति की रक्षा'

Newztok Desk : लखीमपुर खीरी जनपद की गोला तहसील क्षेत्र में स्थित कबीरधाम मुस्तफाबाद आश्रम में आयोजित सत्संग में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि मैं, मेरा परिवार, समाज और राष्ट्र के लिये यदि कुछ कर रहा हूं तो सब कुछ कर रहा हूं। अगर ऐसा विचार करके भारतीयों का जीवन बने, यही आज की आवश्यकता है। हम सब सुखी होंगे। हमारे देश का अमर ज्ञान सबको मिले। हमारा संविधान भी कहता है कि भावनाओं का स्वीकार हो। भाषाएं, समस्याएं, जीवन सब अलग हैं। मगर हम एक हैं। हमारी एक माता हैं। उनका नाम है भारत माता। उस भारत माता की आत्मा को आगे रखना ही सबका धर्म है। सभी महापुरुषों ने भारतीय संस्कृति की रक्षा की है। मुस्तफाबाद गांव के प्रतिष्ठित कबीरधाम आश्रम में हुआ यह आयोजन धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणास्पद रहा। आत्म शुद्धि से विश्व शुद्धि की ओर की ओर बढ़ें’ सरसंघचालक ने आगे कहा कि हमारे पास आज भी परम्परा है। भौतिक सुख को पाने के बाद भी हमने सब कुछ खोया नहीं। चित्त शुद्ध रखने के बाद भगवान आपके पास जरूर आएंगे। समाज की व्यवस्था आज भी परिवार की वजह से चल रही है। हर परिवार कुछ न कुछ कर रहा है। बाहर व्यक्ति को इकाई मानते हैं और हमारे यहां परिवार को ही इकाई माना जाता है, इसीलिए यह कर्तव्य है कि उस इकाई को आगे बढ़ाएं। अगला दायित्व है अपने देश की भलाई के लिये कार्य करना। हमारे यहां देने वाले को माता कहते हैं, इसीलिए गौ, नदी आदि जो हमें कुछ न कुछ देती हैं उन्हें हम माता कहते हैं। कृतज्ञता की यही भावना हमें अपने देश के प्रति भी रखनी चाहिये ताकि हम भी इसके लिये कुछ कर सकें। इसे कुछ दे सकें। यही अमरत्व का मार्ग है। उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि आत्मशुद्धि से विश्वशुद्धि की ओर हम सबको अग्रसर होना होगा। प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उनके साथ कबीरधाम के प्रमुख पूज्य असंग देव महाराज उपस्थित रहे। संत असंग देव महाराज ने अपने भावपूर्ण संबोधन में कहा कि मैं डॉ. मोहन भागवत के माता-पिता को नमन करता हूँ जिन्होंने ऐसे संस्कारी पुत्र को जन्म दिया, जो मातृभूमि, गौ माता, धरती माता, भारत माता और गुरु के प्रति गहन श्रद्धा और सेवा-भाव रखते हैं। कबीरधाम के प्रमुख संत असंग दास ने कार्यक्रम का आरम्भ करते हुये सरसंघचालक जी के माता-पिता को नमन करने के बाद कहा कि धरती माता, गौमाता यही हमारी संस्कृति है। उन्होंने कहा कि यह स्थान पहले से ही पवित्र रहा है मगर मोहन भागवत जी के आगमन के पश्चात यह स्थान अब और मनभावन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि धरती पर वही माता पुत्रवती है जिसका पुत्र लोकभावना के साथ कार्य करता है। इस अवसर पर उन्होंने कबीरधाम मुस्तफाबाद में नवीन आश्रम का भूमि पूजन भी किया। संघ प्रमुख की कबीरधाम के प्रमुख संत असंग दास से भी शिष्टाचार भेंट हुई। संघ प्रमुख इसके पहले वाराणसी और मिर्जापुर में संतों से भेंटवार्ता कर चुके हैं। सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद डॉ. मोहन भागवत की यात्रा को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस बल और खुफिया एजेंसियों द्वारा सुरक्षा के व्यापक और सघन प्रबंध किए गए थे। आश्रम परिसर और उसके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह मुस्तैद रही। इस कार्यक्रम में क्षेत्र प्रचारक अनिल , प्रांत प्रचारक कौशल, क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष, क्षेत्र शारीरिक प्रमुख अखिलेश, वरिष्ठ प्रचारक ओमपाल, प्रांत प्रचारक प्रमुख यशोदानन्द, क्षेत्र संघचालक कृष्ण मोहन, प्रांत संघचालक सरदार स्वर्ण सिंह, प्रांत कार्यवाह प्रशांत जी, प्रचारक राजकिशोर, प्रचारक अशोक केडिया एवं विभाग प्रचारक अभिषेक उपस्थित रहे।
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