तमिलनाडु में भाजपा को लेकर पीएमके में घमासान, पिता से छीन ली बेटे से पार्टी की कमान

Newztok Desk : अमित शाह के तमिलनाडु दौरे से पहले एनडीए शामिल पक्काली मक्कल कच्ची (पीएमके) में एक बड़ा उलटफेर हो गया। पीएमके के संस्थापक एस. रामदास ने अपने बेटे अंबुमणि रामदास को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया और खुद बागडोर संभाल ली।
85 साल के एस. रामदास ने कहा कि वह 2026 में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का पूरा नियंत्रण वापस लेंगे। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
यह सब तक हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तमिलनाडु के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने वहां बीजेपी के नेताओं के साथ आरएसएस विचारक एस. गुरुमूर्ति से मुलाकात की।
भाजपा और संघ के पदाधिकारियों से मिलेंगे अमित शाह
शाह का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच रिश्ते सुधर रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नैनार नागेंद्रन को आगे माना जा रहा है।
हालांकि बीजेपी और संघ के कई नेताओं का कहना है कि शाह का दौरा अन्नामलाई के उत्तराधिकारी को चुनने से जुड़ा नहीं था। यह पार्टी की राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा है। बीजेपी सभी चुनावी राज्यों बिहार, बंगाल और तमिलनाडु में एक साल पहले से ही अपनी राज्य इकाइयों को तैयार कर रही है।
अमित शाह के दौरे से पहले पीएमके नेतृत्व में बदलाव ने लोगों को चौंका दिया है। एनडीए में शामिल पीएमके की राजनीति वन्नियार समुदाय के आसपास घूमती है। नॉर्थ तमिलनाडु और राज्य के कुछ पश्चिमी हिस्सों में वन्नियार समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी तादाद है।
भाजपा के चलते पीएमके में बाप-बेटे में हुआ मतभेद
पीएमके नेताओं का कहना है कि पार्टी में मतभेद की जड़ पीढ़ीगत और रणनीतिक असहमति है। बताया जा रहा है कि पिता और पुत्र में वैचारिक मतभेद के कारण पीएमके में हलचल मची है। अंबुमणि रामदास पिछले दिनों अमित शाह से काफी करीब जा चुके थे, जो सीनियर रामदास को पसंद नहीं है।
एस. रामदास तमिलनाडु में एनडीए के बजाय एआईएडीएमके के साथ चुनाव लड़ना चाहते हैं, मगर बीजेपी से दूरी बनाकर रखने की कोशिश करेंगे। बताया जाता है कि रामदास की फैमिली में कलह तब शुरू हुआ, जब सीनियर रामदास अपने नाती परशुरामन मुकुंदन को पीएमके की यूथ विंग का प्रमुख बनाने का प्रस्ताव रखा।
परशुरामन रामदास की बड़ी बेटी गांधीमती के बेटे हैं। अंबुमणि रामदास ने पिता के इस फैसले का विरोध किया। इसके अलावा उन्होंने एआईएडीएमके के बजाय बीजेपी के साथ जाने की वकालत शुरू कर दी। इसके बाद एस रामदास ने बेटे को अध्यक्ष पद से बेदखल करने का फैसला किया।
काफी फूंक-फूंक कर कदम उठा रही भाजपा
अगर बीजेपी के लिए नई चुनौती सामने आ गई है। लोकसभा चुनाव में अंबुमणि रामदास के नेतृत्व वाले पीएमके ने एनडीए का साथ दिया था। अब अगर तमिलनाडु में उसका एआईएडीएमके से गठबंधन नहीं होता है तो पीएमके जैसा मजबूत पार्टनर भी छिटक जाएगा।
अमित शाह से मांगा था समय बताया जाता है कि अमित शाह के तमिलनाडु दौरे के दौरान पलानीस्वामी, ओ. पनीरसेल्वम, टीटीवी दिनाकरण और अंबुमणि रामदास ने मिलने का वक्त मांगा था। फूंक-फूंककर कदम रख रही बीजेपी ने दोनों पक्षों के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं करने के संकेत दिए हैं।
पर्दे के पीछे गठबंधन पर सहमति बनने के बाद ही बीजेपी खुलकर सामने आएगी। फिलहाल पीएमके में बदले घटनाक्रम से तमिलनाडु की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। एनडीए का भविष्य बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन पर टिक गया है।
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